Friday, November 15, 2019

khwab... ख़्वाब

अपने ही ख्वाबों में क़ैद हूँ कूछ इस कदर,
नींद में भी ख़्वाब नसीब नहीं होते आज कल ।
#KashWrites 11/14/2019 

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