मोहब्बत न सही.... एहसास ही करा दे,
ज़िंदा रहने के लिए साँस काफ़ी नहीं |
#KashWrites
Kashyap Shah....an individual out of the billions on this planet..his life, his thoughts, his inspirations, his happiness, his pains...."then" and "now"
Wednesday, May 17, 2017
तसल्ली ..
आ ज़िन्दगी..
ज़रा आमने सामने बैठ..
दो दो हाथ कर लेते हैं..
तसल्ली तो होगी ..
शिकस्त से पहले..
मैंने भी क्या किस्मत आज़माई थी..
#KashWrites
Akhbar.. Newspaper..again
बस्ती में आग की कभी ख़बर पढ़ा करते थे,
अख़बार तो अब पूरा शहर जला देता है।
#KashWrites
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